tag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post7402280667260287920..comments2023-09-17T03:22:12.188-07:00Comments on रेत घड़ी: उम्मीदेंआभाhttp://www.blogger.com/profile/07364442341282571944noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-88722272130649128062010-01-18T13:26:50.653-08:002010-01-18T13:26:50.653-08:00सुन्दर रचना!!सुन्दर रचना!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-3402889196606183462010-01-18T02:01:11.778-08:002010-01-18T02:01:11.778-08:00उम्मीदों के सिलसिले में आपने यह एक बहुत बेहतरीन रच...उम्मीदों के सिलसिले में आपने यह एक बहुत बेहतरीन रचना लिखी है...अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-7360921542017286962010-01-14T06:33:28.166-08:002010-01-14T06:33:28.166-08:00मगर उम्मीदें अक्सर
पहाड़ का सीना चीर कर
उगती है नन्...मगर उम्मीदें अक्सर<br />पहाड़ का सीना चीर कर<br />उगती है नन्हे फूल की तरह<br /><br />आपकी कविता की तारीफ के लिए शब्द बौने हो गए मेरे..<br />उम्मीदों के पूल खिलते रहे ..और मुस्कुराते रहे..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-13102424526368299852010-01-09T03:50:36.176-08:002010-01-09T03:50:36.176-08:00"रेतघड़ी" पढ़ पर पहली बार आया, "उम्..."रेतघड़ी" पढ़ पर पहली बार आया, "उम्मीदें" पढना शुरू किया, अच्छा लग रहा था और पढता जा रहा था लेकिन <br />"उम्मीदें अक्सर<br />पहाड़ का सीना चीर कर<br />उगती है नन्हे फूल की तरह"<br />इन तीन पंक्तियों ने मुझसे जो कहा उसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं और न होंगे. नव वर्ष की मंगल कामनाओं के साथ.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-33814083968948899122010-01-08T07:46:50.398-08:002010-01-08T07:46:50.398-08:00उम्मीद पर बेहद सुंदर कहा है.उम्मीद पर बेहद सुंदर कहा है.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-18028615366684969382010-01-04T09:23:53.202-08:002010-01-04T09:23:53.202-08:00एक राजकुमारी की आभा देख रही हूँ हरित पल्लवों में.....एक राजकुमारी की आभा देख रही हूँ हरित पल्लवों में... पहाड़ का सीना चीरती उम्मीदों के नन्हे फूलों में ...neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-9774987457534322262010-01-03T08:01:01.652-08:002010-01-03T08:01:01.652-08:00बहुत सुन्दर रचना है।
शब्दो मे भावनाओं को बहुत सुन्...बहुत सुन्दर रचना है।<br />शब्दो मे भावनाओं को बहुत सुन्दर समेटा है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-11445583083186199662010-01-03T03:55:44.507-08:002010-01-03T03:55:44.507-08:00लीजिये हम तो अभी तक आपका नाम "राज" समझ र...लीजिये हम तो अभी तक आपका नाम "राज" समझ रहे थे और शाय्द इसी से जुड़ी एक टिप्पणी भी की थी कभी। <br /><br />कविता के साथ जोडी गयी तस्वीर हमेशा इंप्रेसिव होती है आपके पोस्ट पर। <br /><br />नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ! इन शब्दों का जादू यूं ही फैलता रहे वर्ष-दर-वर्ष!!<br /><br />ब्लौगिंग-जगत के एक बेहद अज़ीज का एक बड़ा ही प्यारा-सा कार्ड मिला था अभी कुछ दिनों पहले जब तनिक चोट लगी थी मुझे। उस कार्ड पर अन्य नामों के साथ एक "आभा" का नाम भी था। सोचता हूँ अपने उन अज़ीज से पूछूँ कि आपसे ही... :-)गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-53056068705721590502010-01-02T10:11:16.883-08:002010-01-02T10:11:16.883-08:00अभी तो इस उहापोह में पड़ी हूँ कि यूआरएल के साथ साथ ...अभी तो इस उहापोह में पड़ी हूँ कि यूआरएल के साथ साथ क्या क्या बदल गया<br /><br />ब्लाग शीर्षक ?<br /><br />ब्लॉगर का नाम (राजकुमारी से आभा चौधरी)??<br /><br />और तो और फोटो ही नही... फोटो की शक्ल भी ???<br /><br />जो भी हो आप लिखती हमेशा ही अच्छा हैं।कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-50670644931299109472010-01-02T02:34:34.553-08:002010-01-02T02:34:34.553-08:00Bahut hi sunder ...ek achchha sandesh deti rachna ...Bahut hi sunder ...ek achchha sandesh deti rachna badhai.<br />http://ravirajbhar.blogspot.comRavi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-19504742340451225292010-01-02T00:41:23.252-08:002010-01-02T00:41:23.252-08:00okay URL change accepted.and please remove word ve...okay URL change accepted.and please remove word verification.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-23047267609236806612010-01-01T10:41:06.728-08:002010-01-01T10:41:06.728-08:00शुक्रिया, वर्ना मैं तो चक्कर मे ही पड़ गया था जब आप...शुक्रिया, वर्ना मैं तो चक्कर मे ही पड़ गया था जब आपका ब्लॉग मेरे डैशबोर्ड से अचानक विलुप्त हो गया था..<br />हम हर नये साल के आगमन की प्रतीक्षा और स्वागत ऐसी ही उम्मीदों और दुआओं के सथ करते हैं..मगर साल के अलविदा करने पर हमारे हाँथों मे बस उन कुछ आशाओं और ढेर सारी निराशाओं की मिली- जुली स्मृतियों के दस्तावेज बचतें हैं.. <br />मगर उन निराशाओं और भय को परे रख कर फिर हम अगले साल का स्वागत दोबारा ढेर सारी उम्मीदों और दुआओं से करते हैं...सच, यही तो है जीवन!..जहाँ..<br />कभी छूट जाया करते हैं<br />कदमों के निशां<br />पहाड़ों की सख्त चट्टानों पर,<br /><br />हालांकि बाबा चंचलनाथ के बारे मे नही सुना मगर नये साल का यह कवितामय सकारात्मक स्वागत अच्छा लगा..उम्मीद जगाता सा.<br />आपको भी नये वर्ष की असीम मंगलकामनाओं सहित शुक्रिया!!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-59122378601996588982010-01-01T08:57:47.645-08:002010-01-01T08:57:47.645-08:00शुक्र है आपने मेल से बता दिया नया यु आर एल वर्ना ह...शुक्र है आपने मेल से बता दिया नया यु आर एल वर्ना हम तो आपको खो हो देते!अब बताएं कि हम इतनी सुन्दर अभ्व्यक्तिया कहाँ ढूढ़ते?<br />नव वर्ष की शुभकामनाएं!<br />प्रकाश पाखीप्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-48513464513402422552010-01-01T08:46:09.741-08:002010-01-01T08:46:09.741-08:00tanha raat jab vado ke.....mere bheege galo ki kas...tanha raat jab vado ke.....mere bheege galo ki kasam sach kahna ki wo tum the...awesomeडिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-86640213446066430042010-01-01T08:41:50.917-08:002010-01-01T08:41:50.917-08:00ok...to rajkumari ji main to apka blog dhundti rah...ok...to rajkumari ji main to apka blog dhundti rahi...gr8..kavita hmesha ki tarah out of this world.डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-38385068583293099392010-01-01T08:18:29.251-08:002010-01-01T08:18:29.251-08:00नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-3041391889049943612010-01-01T05:46:53.387-08:002010-01-01T05:46:53.387-08:00मगर उम्मीदें अक्सरपहाड़ का सीना चीर करउगती है नन्ह...मगर उम्मीदें अक्सर<br>पहाड़ का सीना चीर कर<br>उगती है नन्हे फूल की तरह.<br>SHANDAR ABHIVYKTI!प्रकाश पाखीhttp://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1498140580149238911.post-91604087480791761952010-01-01T05:55:24.419-08:002010-01-01T05:55:24.419-08:00मैं तुम्हें बताना चाहती हूँइन अद्भुत अचरजों के बार...मैं तुम्हें बताना चाहती हूँ<br>इन अद्भुत अचरजों के बारे में<br>कि पैर भले पांडवों के ना हो<br>कि बाबा से मिलने का धोखा हुआ हो...<br><br>मगर उम्मीदें अक्सर<br>पहाड़ का सीना चीर कर<br>उगती है नन्हे फूल की तरह.<br><br>AAMEEN!!!!!डॉ .अनुरागhttp://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com