
मंतव्य
तुम्हारे दांतों का सफ़ेद रंग
महज एक विज्ञापन होता है
या फ़िर
ये कोई और मंतव्य ढोता है।
क्रेच
सभ्य शालीन निपुण
पच्चीस साला युवती वाला क्रेच
बच्चों के लिए अच्छा होता है
हालाँकि केयर टेकर का बच्चा
घर में चारपाई से बंधा
रस्सी से खेलता और रोता है।
एस्केलेटर
तपती दुपहरी मे
गली से गुजरे युवक को
पहली नज़र में प्यार होता है
जबकि नवयौवना के साथ
हर रात मोतियाबिंद
लाचारी और
माँ का बुढापा सोता है।
*****
*****
[Painting Image Courtesy : www। portraitpaintingcn.com ]
zindagi ki talk sachchai to yahi hai . aapne bhavon ko achchhe shabd diye hain
ReplyDeletebadhaaie
तपती दुपहरी में
ReplyDeleteगली से गुजरे युवक को
पहली नज़र में प्यार होता है
जबकि नवयौवना के साथ
हर रात मोतियाबिंद
लाचारी और
माँ का बुढापा सोता है।
राजकुमारी जी,
अंतर्विरोधों और विडम्बनाओं का का सटीक चित्रण किया है आपने..नाविक के तीर भांति आपकी क्षणिकाएं मन को गहराई से प्रभावित करती है..और कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हमेशा के लिए मस्तिष्क में रह जाते है
जीवन के इस दृष्टिकोण को न्यूट्रल दृष्टि से देखना ओर याद रखना ....आपकी सबसे बड़ी विशेषता है ..".क्रेच "पढ़कर मुझे एक फ्रेंच फिल्म की याद आ गयी ....जिसमे सब कुछ यही था जो आपने महज़ चार पंक्तियों में कहा है....जीवन की जिजीविषा....
ReplyDeletezabardast vichaar...par shayad zindagi ko samajhne ke liye zindagi ko itminaan se jeena zyada zaroori hai aur zindagi ke baare me sochna itna nahi
ReplyDeleteतपती दुपहरी में
ReplyDeleteगली से गुजरे युवक को
पहली नज़र में प्यार होता है
जबकि नवयौवना के साथ
हर रात मोतियाबिंद
लाचारी और
माँ का बुढापा सोता है।
sach kaha..!
विचार और कविता दोनों बेहतर हैं,
ReplyDeleteगरीबी और प्यार के बिम्ब बिलकुल अनूठे हैं
"सभ्य शालीन निपुण
ReplyDeleteपच्चीस साला युवती वाला क्रेच
बच्चों के लिए अच्छा होता है
हालाँकि केयर टेकर का बच्चा
घर में चारपाई से बंधा
रस्सी से खेलता और रोता है। "
आपको मेरी आखें नम करने का कोई हक़ नहीं था...
नहीं सच कहूँ तो पूरा हक़ था...
इतनी संवेदना!!!
लाजवाब.
~जयंत
विसंगतियो का सुन्दर चित्रण
ReplyDeleteबधाई
aapne bahut bahut bahut achchhi baatein kahin ..
ReplyDeletebehtreen rachna
Gahre arth li hui kshanikayein. Badhai.
ReplyDeleteकवितायेँ बहुत पसंद आई
ReplyDeleteऔर ज़िन्दगी के प्रति आपकी टिप्पणी भी
amazing writing ..well expressed ..shabd ji uthe hai...
ReplyDeleteis sajiv chitran ke liye aapko badhai ..
vijay
pls read my new sufi poem :
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/06/blog-post.html
बहुत ही सुन्दर ब्लॉग है आप का.
ReplyDeleteयह प्रस्तुति भी पसंद आई.
चित्र शायद धुंएँ का है..
तपती दुपहरी में
ReplyDeleteगली से गुजरे युवक को
पहली नज़र में प्यार होता है
जबकि नवयौवना के साथ
हर रात मोतियाबिंद
लाचारी और
माँ का बुढापा सोता है।
आपकी क्षणिकाएं साक्षात कराती हैं जीवन की कठोर सच्चाई, विडंबना से और आपके परिपक्व और गहरी सोच से ... जीवन के बारे में भी क्या खूब कहा!
apaki baato ne dil jeet liya
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