Saturday, May 23, 2009

एस्केलेटर





मंतव्य
तुम्हारे दांतों का सफ़ेद रंग
महज एक विज्ञापन होता है
या फ़िर
ये कोई और मंतव्य ढोता है।


क्रेच
सभ्य शालीन निपुण
पच्चीस साला युवती वाला क्रेच
बच्चों के लिए अच्छा होता है
हालाँकि केयर टेकर का बच्चा
घर में चारपाई से बंधा
रस्सी से खेलता और रोता है।


एस्केलेटर
तपती दुपहरी मे
गली से गुजरे युवक को
पहली नज़र में प्यार होता है
जबकि नवयौवना के साथ
हर रात मोतियाबिंद
लाचारी और
माँ का बुढापा सोता है।


*****

वर्तुल जीवन नही होता, सिर्फ़ सुख और दुःख होते हैं. जो उम्र भर एक दूसरे के पीछे भागते रहते हैं, प्यार को पाने दौड़ो तो पागल कहलाओ चुप बैठो तो सौदाई.... उसे नींद आती है मुझे देख कर और मेरी नींद उड़ जाती है उसको देख. जरूरी नहीं है ज़िन्दगी को दर्शन की तरह देखा जाए, कैसे भी देखो इसे बीत ही जाना है.

ऐसे सवालों ने दिमाग में दम कर रखा है.
*****


[Painting Image Courtesy : www। portraitpaintingcn.com ]

15 comments:

  1. zindagi ki talk sachchai to yahi hai . aapne bhavon ko achchhe shabd diye hain
    badhaaie

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  2. तपती दुपहरी में
    गली से गुजरे युवक को
    पहली नज़र में प्यार होता है
    जबकि नवयौवना के साथ
    हर रात मोतियाबिंद
    लाचारी और
    माँ का बुढापा सोता है।

    राजकुमारी जी,
    अंतर्विरोधों और विडम्बनाओं का का सटीक चित्रण किया है आपने..नाविक के तीर भांति आपकी क्षणिकाएं मन को गहराई से प्रभावित करती है..और कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हमेशा के लिए मस्तिष्क में रह जाते है

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  3. जीवन के इस दृष्टिकोण को न्यूट्रल दृष्टि से देखना ओर याद रखना ....आपकी सबसे बड़ी विशेषता है ..".क्रेच "पढ़कर मुझे एक फ्रेंच फिल्म की याद आ गयी ....जिसमे सब कुछ यही था जो आपने महज़ चार पंक्तियों में कहा है....जीवन की जिजीविषा....

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  4. zabardast vichaar...par shayad zindagi ko samajhne ke liye zindagi ko itminaan se jeena zyada zaroori hai aur zindagi ke baare me sochna itna nahi

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  5. तपती दुपहरी में
    गली से गुजरे युवक को
    पहली नज़र में प्यार होता है
    जबकि नवयौवना के साथ
    हर रात मोतियाबिंद
    लाचारी और
    माँ का बुढापा सोता है।

    sach kaha..!

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  6. विचार और कविता दोनों बेहतर हैं,
    गरीबी और प्यार के बिम्ब बिलकुल अनूठे हैं

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  7. "सभ्य शालीन निपुण
    पच्चीस साला युवती वाला क्रेच
    बच्चों के लिए अच्छा होता है
    हालाँकि केयर टेकर का बच्चा
    घर में चारपाई से बंधा
    रस्सी से खेलता और रोता है। "


    आपको मेरी आखें नम करने का कोई हक़ नहीं था...
    नहीं सच कहूँ तो पूरा हक़ था...

    इतनी संवेदना!!!
    लाजवाब.

    ~जयंत

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  8. विसंगतियो का सुन्दर चित्रण
    बधाई

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  9. aapne bahut bahut bahut achchhi baatein kahin ..

    behtreen rachna

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  10. Gahre arth li hui kshanikayein. Badhai.

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  11. कवितायेँ बहुत पसंद आई
    और ज़िन्दगी के प्रति आपकी टिप्पणी भी

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  12. amazing writing ..well expressed ..shabd ji uthe hai...

    is sajiv chitran ke liye aapko badhai ..

    vijay
    pls read my new sufi poem :
    http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/06/blog-post.html

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  13. बहुत ही सुन्दर ब्लॉग है आप का.

    यह प्रस्तुति भी पसंद आई.

    चित्र शायद धुंएँ का है..

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  14. तपती दुपहरी में
    गली से गुजरे युवक को
    पहली नज़र में प्यार होता है
    जबकि नवयौवना के साथ
    हर रात मोतियाबिंद
    लाचारी और
    माँ का बुढापा सोता है।

    आपकी क्षणिकाएं साक्षात कराती हैं जीवन की कठोर सच्चाई, विडंबना से और आपके परिपक्व और गहरी सोच से ... जीवन के बारे में भी क्या खूब कहा!

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